Tuesday, October 16, 2012

जो ना शहीद चाहते थे, ना महापुरुष चाहते थे


वर्ष में कई बार हम
दो मिनिट के लिए मौन
 लेते हैं
शहीदों को श्रद्धांजली 
देते हैं
महापुरुषों की आत्मा की
शांती के लिए प्रार्थना 
करते हैं
हम वर्ष में कुछ मिनिट
महापुरुषों देश भक्तों के
जन्म दिवस पर
मोक्ष दिवस पर
उनकी याद में भाषण 
देते  हैं 
उनके नाम पर आयोजन 
करते हैं
खर्च करते हैं
वर्ष में बाकी समय
वो सब करते हैं
जो ना शहीद चाहते थे,
ना महापुरुष चाहते थे
771-16-16-10-2012
शहीद ,महापुरुष,देश भक्त,श्रद्धांजली

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