Wednesday, October 24, 2012

हम खुद को बहुत हूनरमंद समझते थे



हम खुद को बहुत
हूनरमंद समझते थे
रूठे मौसम को
मना लेते थे
खिजा को बहार में
 बदल देते थे
जब मामला
दिल का आया तो
मात खा गए
उन्हें हर तरीके से
मनाया
पर मना ना सके
787-29-24-10-2012
प्यार,प्रेम,हूनरमंद, खिजा,बहार

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