Sunday, October 7, 2012

वसंत आया



वसंत आया
महुआ के पेड़ पर
छा गया
हर डाली को पुष्पों से
लाद दिया
महक ने भंवरों को
आकर्षित किया
आसक्त भंवरों का
गुंजन हवाओं में
गूंजने लगा 
शहद की मक्खियों ने
पराग का रसस्वादन
प्रारम्भ किया
कोयल कूंकने लगी
चारों ओर महुआ की
सुगंध फैलने लगी
हर प्रेमी के दिल में
मदहोशी छाने लगी
प्रेमिका से मिलने की
तड़प बढ़ने लगी
महुआ शीतल बयार में
मदहोश कर
दुनिया को बताने लगा
आओ मस्ती में झूमें गायें
वसंत आ गया
766-11-07-10-2012
वसंत 

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