Friday, October 5, 2012

क्यों ख्वाब हकीकत बनते हैं



क्यों ख्वाब 
हकीकत बनते हैं 
पूरा होते ही
तमन्नाओं के नए 
महल बनते हैं 
उम्मीद के
चिराग जलते हैं
ना पूरे हो तो 
जी भर के रुलाते हैं
जो हुए थे पूरे 
लोग उन्हें भी भुला
देते हैं
762-07-05-10-2012
ख्वाब 

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