Thursday, March 7, 2013

अति उत्साह में


बड़े चाव से
धरती में बीज लगाया
मन में
सुन्दर सपना संजोया
बीज एक दिन सुन्दर
वृक्ष का रूप लेगा
सुगन्धित फूलों से लदेगा
मीठे फलों से सजेगा
ह्रदय में आशाओं का
संसार बसाया
अति उत्साह में बार बार
पानी पिलाता रहा
आतुरता से निहारता रहा
पूरा हो सपना सुहाना
इश्वर से प्रार्थना करता रहा
बीज पल्लवित नहीं हुआ
सपना अधूरा रहा
अधिक पानी ने बीज ही
गला दिया
14-14-07-01-2013 
 अति ,उत्साह,सपना,प्रेरक ,प्रेरणास्पद 
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर

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