Tuesday, March 19, 2013

कोई सुहाए ना सुहाए


चाहो तो
ह्रदय से पूछ लो
चाहो तो मन से पूछ लो
कौन सुहाता 
कौन नहीं सुहाता
कोई सुहाए ना सुहाए
चाहे मजबूरी कह दो
चाहे लाज शर्म से कह दो
रिश्ता तो फिर भी
निभाना पड़ता
जब निभाना ही है
क्यों ना हँस कर निभाओ
तनाव मुक्त रहो
स्वयं भी खुश रहो
दूसरों को भी खुश रखो
37-37-18-01-2013
रिश्ते,सम्बन्ध ,तनाव,जीवन
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर

No comments: