Friday, March 22, 2013

रात को चांदनी मुस्काराई होगी



रात को
चांदनी मुस्काराई होगी
सवेरे धूप भी खिली होगी
सड़कों पर
चहल पहल हुई होगी
चिड़ियाएं चचहाई होगी
मंदिर की
घंटियाँ भी बजी होगी
पर उसे क्या
उसकी ज़िन्दगी तो
समाप्त होने वाली है
थोड़ी देर में उसे
फांसी होने वाली है
सदा के लिए तन्हाई
विदा लेने वाली है
41-41-22-01-2013
जीवन, मृत्यु ,तन्हाई, फांसी
डा.राजेंद्र तेला ,निरंतर  

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