Tuesday, March 12, 2013

मेरी आस्था ने



ह्रदय के दुःख
मंदिर के घंटों जैसे
पल पल मन में
गूंजते रहते हैं
इश्वर को याद करते हैं 
पर ना कभी मंदिर में
इश्वर को घंटों की
आवाज़ पर आते देखा
ना ही दुखो को जाते देखा
पर उपरवाले पर
मेरी आस्था ने
मुझे टूटने नहीं दिया
23-23-12-01-2013  
आस्था,विश्वास,इश्वर,दुःख,जीवन 
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर

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