Wednesday, March 6, 2013

मकड़ जाल



आस्था विश्वास
अनिष्ट और भय के
मकड़ जाल में उलझा हूँ
एक का पल्ला पकड़ता हूँ
दूसरा अपनी ओर
खीचने लगता है
आस्था और विश्वास
मुझे मरने नहीं देते
अनिष्ट और भय
मुझे जीने नहीं देते
निरंतर असमंजस के
संसार में डुबकियां
लगाता रहता हूँ
ना खुल कर हँस पाता हूँ
ना खुल कर रो पाता हूँ   
12-12-06-01-2013
आस्था,विश्वास,अनिष्ट,भय 
डा.राजेंद्र तेला,निरंतर

No comments: