दर्द बाटने आते लोग
दर्द बढ़ा कर जाते लोग
बड़े बेदर्द होते लोग
लोगों के लिए
जान भी देते लोग
जान कर भी
अनजान बनते लोग
अपने को
नज़दीक बताते लोग
दिल से दूर होते लोग
निरंतर भरमाते लोग
लोग
बताते लोगों की बात
सच को झूंठ,झूंठ को सच
बनाते लोग
लोगों को लूटते लोग
लोगों को सब दे देते लोग
लोगों बिना ना रह
पाते लोग
20-04-2011
715-138-04-11
1 comment:
आंतरिक पीड़ा की सहज अभिव्यक्ति...
Post a Comment