Monday, July 11, 2011

देखता रह जाऊं

निरंतर 
 तुम्हारे लबों को  
छूऊँ
या आँखों में  
झांकूं
तुम्हारे गेसूओं
से खेलूँ
गोद में सर रख
कर लेटूं
या गालों को
सहलाऊँ
जल्दी बताओ
कहीं ऐसा ना हो
नींद उड़ जाए
और मैं  तुम्हें
बस 
देखता रह जाऊं
11-07-2011
1164-48-07-11

No comments: