Saturday, July 30, 2011

वो कद्रदां हमारे बड़ी दूर से आते

वो कद्रदां हमारे

बड़ी दूर से आते

हमारे लिए पैगाम

विश्वाश का लाते

यकीन हम पर क़िया

होंसला हमारा बढाया

बेहतर करने के ज़ज्बे से

निरंतर हमें नवाज़ा

चाहने वालों ने ही हमें

रास्ते पर चलाया

लालच और अहम् को

पास फटकने ना दिया

शुक्रिया उनका दिल से

किसी लायक हमें

समझा

आज इस मुकाम तक

पहुंचाया

30-07-2011

1269-153-07-11

(एक चिकित्सक होने के नाते,ह्रदय से उन मरीजों को मेरा नमन

जो दूर दराज से आते हैं ,होंसला,हिम्मत बढाते हैं ,

उनके द्वारा दिखाए विश्वाश को प्रणाम करता हूँ ,

जो भी हूँ आज उनकी वजह से हूँ )

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