Tuesday, July 26, 2011

उनकी सादगी एक पहेली थी

उनकी सादगी

एक पहेली थी

हर शख्श के लिए

कौतुहल का विषय थी

दिलों में खलबली मचाती

भला आज के ज़माने में

बिना मेकअप कोई नारी

रह सकती ?

हर आँख उन्हें शहर के

ब्यूटी पार्लरों में ढूंढती

हकीकत जानने को

बेताब रहती

कहीं दिख जाएँ

निरंतर इंतज़ार करती

इक दिन पकड़ी गयीं

लोगों से घेरी गयीं

सवालों की बौछार हुयी

ब्यूटी पार्लर में

क्या कर रही थी ?

पूंछताछ हुयी

हकीकत जान सबकी

सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी

सौन्दर्य प्रसाधन कंपनी में

काम करती थीं

पैसे वसूलने आयी थी

26-07-2011

1238-118-07-11

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