Tuesday, July 19, 2011

थोड़ा तो रहम कीजिए

निगाह-ऐ-करम चाहे
ना रखिए
रिश्ते सब भूल जाइए
मगर थोड़ा तो रहम
 कीजिए
हमसे नफरत तो
ना रखिए
निरंतर साथ साथ
हँसते गाते थे
 इतना तो ख्याल
कीजिए
यादों की दुनिया में
जाओगे
वहाँ भी हमें पाओगे
फिर क्या करोगे?
बिना हमारे
 कैसे काम चलाओगे ?
कम-स-कम इतना तो
सोचिए
19-07-2011
1204-84-07-11

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