निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
उन्हें देखना
क़यामत ढा गया
इश्क अब रोजगार
बन गया
सुबह-ओ-शाम का
काम हो गया
भूख ख़त्म हो गयी
उनका दीदार प्यास
हो गयी
जीना दुश्वार हो गया
उन्हें पाना अब मकसद
हो गया
निरंतर इंतज़ार आदत
जूनून की हद तक
इश्क सर पर सवार
26-07-2011
1237-117-07-11
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