Friday, July 15, 2011

आस्था

मूसलाधार वर्षा आये
खेतों में हरयाली छाये
सूखे खेत में खडा किसान
आशा से
निरंतर आकाश को
निहार रहा था
परमात्मा से प्रार्थना
कर रहा था
इस बार अवश्य सुनेगा
मन में विश्वाश था
फैसला जो भी होगा
सर झुका कर मानेगा
इस बार नहीं सुना
तो अगली बार सुनेगा
आस्था का सवाल था
परमात्मा में आस्था
उसका
जीवन आधार था
15-07-2011
1186-69-07-11

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