Sunday, July 24, 2011

बहुत मुद्दत के बाद उन्होंने याद किया

बहुत

मुद्दत के बाद

उन्होंने याद किया

जरिये ख़त

हाल-ऐ-दिल सुनाया

क्यों रुस्वां हुए ?

मुझे वाकिफ कराया

अब फिर अकेले हैं

लौट कर आना चाहते

दिल से दिल मिलाना

चाहते

जो हुआ वो भुलाना

चाहते

उन्हें कैसे बताएँ ?

निरंतर रोते रोते

हम थक गए

मजबूरी में किसी के

हो गए

वो निजात पा चुके थे

हम फंस चुके थे

24-07-2011

1223-103-07-11

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