Saturday, July 16, 2011

भविष्य दर्शन

नयी कलियाँ जन्म
ले रही थी
नए फूल खिल रहे थे
पुराने मुरझा रहे थे
कभी आँखों के तारे थे
भंवरों को लुभाते थे
अब बगीचे से
विदाई निश्चित हो गयी
पंखुड़ियां गिरने लगी
बगीचे में 
कुछ नहीं बदला
निरंतर
साथ रहने वाले पौधे
असहाय  देखते रहे
अपने 
भविष्य का शाक्षात
दर्शन करते रहे
16-07-2011
1190-72-07-11

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