सोना चाहता
था
सुन्दर सपने
देखना
चाहता था
उनके पैगाम
की उम्मीद में
जागना भी चाहता
था
रात बीत गयी
ना उनका पैगाम
आया
ना सुन्दर सपने
देख सका
रोज़ की तरह
उम्मीद में
वक़्त काटता
रहा
ख्यालों की
दुनिया में
खोता रहा
25-06-2012
596-46-06-12
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