अब तक पता नहीं था
चुप रहना
कितना अच्छा होता है
जुबां को
आराम देना से कितना
फायदा होता है
अब चुप रहता हूँ
खुशी से जीता हूँ
ना कोई नाराज़ होता है
ना जवाब में
अपशब्द कहता है
ना रिश्तों में दरार आती
ना मनों में फर्क आता है
जब भी मिलता है
गले लग कर मिलता है
हर शख्श मुझे
अब दोस्त समझता है
25-06-2012
598-48-06-12
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