Sunday, June 3, 2012

जब से मिला हूँ तुमसे

जब से मिला हूँ तुमसे
जो काटने को दौड़ता था
अब अच्छा लगने लगा
मन खुश
दिल मदहोश रहने लगा
चेहरा चमकने लगा
जब से मिला हूँ तुमसे
रातों को जागने
दिन में ख्वाब देखने लगा
ख्यालों में खोने लगा
जब से मिला हूँ तुमसे
आसमान में उड़ने का
नाचने गाने का मन
करने लगा
जीने का मकसद
मिल गया
जब से मिला हूँ तुमसे
खुदा पर यकीन होने लगा
निरंतर दुआ करने लगा
जब से मिला हूँ तुमसे
सब कुछ बदल गया
मोहब्बत का मतलब
समझ गया
03-06-2012
559-79-05-12

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