क्यों
कहते,तुम अकेले हो
किसी के साथ कोई नहीं होता
तुम कहते तुम अकेले हो
हर तरह के
किसी के साथ कोई नहीं होता
तुम कहते तुम अकेले हो
हर तरह के
इंसान
मिलते जीवन में
जो हँसाते भी हैं
रुलाते भी हैं
दर्द कम भी करते हैं
बढाते भी हैं
ये तुम पर निर्भर है
तुम किस की बातों से
जो हँसाते भी हैं
रुलाते भी हैं
दर्द कम भी करते हैं
बढाते भी हैं
ये तुम पर निर्भर है
तुम किस की बातों से
प्रभावित
होते हो
किसी को ढूँढने से पहले
किसी को ढूँढने से पहले
खुद को सु
द्र ढ बनाओ
खुद पर विश्वास रखो
फिर कोई मिले ना मिले
खुद को अकेला नहीं पाओगे
खुद रास्ता बनाओगे
न विफलता का मुंह देखोगे
खुद पर विश्वास रखो
फिर कोई मिले ना मिले
खुद को अकेला नहीं पाओगे
खुद रास्ता बनाओगे
न विफलता का मुंह देखोगे
ना कभी किसी
से कहोगे
तुम अकेले हो
25-06-2012
597-47-06-12
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