कितनी नावें
कितने मांझी बदलोगे
कितने दोस्त
कितने साथी
बदलोगे
अब अपनी
इस फितरत को
विराम
मचलते मन को
विश्राम दे
दो
ज़िन्दगी की
डगमगाती
किश्ती को संभाल
लो
खुदा के वास्ते
जान लो
एक ही साथ काफी
होता है
ज़िन्दगी के
सफ़र में
अब किसी पर
तो
यकीन कर लो
ज़िन्दगी की
पतवार
उसके हाथ में
दे दो
हँसते गाते
सफ़र
पूरा कर लो
25-06-2012
592-42-06-12
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