Tuesday, June 5, 2012

बेरहमी



तेज़ धूप में
उसका चेहरा
कुम्हला रहा था
पसीना किसी
झरने के पानी
सा बह रहा था
देख कर कुछ ऐसा
महसूस हुआ
जैसे किसी ने
बेरहमी से
बर्फ के टुकड़े को
तेज़ आंच पर
रख दिया
05-06-2012
571-21-06-12

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