उनका अंदाज़ ही
कुछ ऐसा था
खंजर बन कर
दिल को चाक कर गया
ना खून निकला
ना दर्द हुआ
बस मुंह से
वाह वाह निकला
वो तो चले गए
अदाएं दिखा कर
या खुदा कब आयेंगे
लौट कर
हमारे दिल से
बस यही निकला
07-06-2012
586-36-06-12
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