Wednesday, April 20, 2011

लोगों बिना ना रह पाते लोग

दर्द बाटने आते लोग
दर्द बढ़ा कर जाते लोग
बड़े बेदर्द  होते लोग
लोगों के लिए
 जान भी देते लोग
जान कर भी
अनजान बनते  लोग
अपने को
नज़दीक बताते लोग
दिल से दूर होते लोग
निरंतर भरमाते लोग
लोग
बताते लोगों की बात
सच को झूंठ,झूंठ को सच
बनाते लोग
लोगों को लूटते लोग
लोगों को सब दे देते लोग
लोगों बिना ना रह
पाते लोग
20-04-2011
715-138-04-11

1 comment:

Dr (Miss) Sharad Singh said...

आंतरिक पीड़ा की सहज अभिव्यक्ति...