Thursday, April 14, 2011

मोहब्बत को मकसद बना लो

दिल
तुम्हारा पत्थर है तो क्या ?
कभी तो पिघलना होगा

नहीं तो टूट कर बिखर जाएगा
ज़िन्दगी है 
जब तक खुशी से जी लो
 
हर शख्श को अपना बना लो
मौत के बाद सब पीछे रह जाएगा

निरंतर
 नफरत की आग ना रखो दिल में 
खुद भी आग में जल जाओगे

मोहब्बत को मकसद बना लो 
हर दिल तुम्हारा हो जाएगा
14-04-2011
673-106-04-11

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