Friday, April 15, 2011

हमें शौक नहीं अश्क बहाने का

हमें
शौक नहीं अश्क
बहाने का
जब भी किस्सा
उनका छिड़ता
यादों से दिल
भर जाता
माहौल निरंतर
गमगीन होता
सैलाब ग़मों का आता
कुछ जुबान के जरिए
गीतों  से
कुछ आँखों के
जरिए
अश्क बन कर
निकलता  
15-04-2011
682-106-04-11

No comments: