Thursday, April 21, 2011

वो ख़त नहीं मौत का सामान था

उन्होंने
हमें ख़त भेजा
बड़े अंदाज़ से उस पर
हमारा पता लिखा
कागज़
उनकी खुशबू से भरा था
नाज़ुक हाथों से लिखा
एक एक हर्फ़ मोती सा
दिखता
ख़त नहीं उनका अक्स था
रिश्ता तोड़ने का
पैगाम था
हमारे लिए ज़हर से
बुझा था
निरंतर अश्क बहाने का
बहाना था
वो ख़त नहीं मौत का
सामान था
21-04-2011
727-149-04-11

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