मुल्क को नेता नहीं
कर्ता चाहिए
भक्षक नहीं रक्षक
चाहिए
भ्रष्ट तंत्र नहीं प्रजातंत्र
चाहिए
गरीब को पेट में रोटी
सर पर छत चाहिए
ज़ुल्म
सहने वाले को न्याय
करने वाले को सज़ा
चाहिए
निरंतर अराजकता का
खात्मा चाहिए
युवाओं में नया जज्बा
चाहिए
वक़्त आ गया
फिर एक क्रांती
चाहिए
10-04-2011
641-74-04-11
1 comment:
सटीक बात...सुंदर अभिव्यक्ति...
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