Saturday, April 23, 2011

कैसे सीमाओं में बंध जाऊं ?

वो चाहते 
मैं रुक जाऊं
निरंतर 
चलना बंद कर दूं
नया सोचना 
नया करना छोड़ दूं
अपने में
सिमट कर रह जाऊं
सीमाओं में बंध जाऊं
दुनिया के 
रेले में मिल जाऊं
मैं ठहरा बहता पानी
कैसे उनके जाल में
फँस जाऊं ?
मुझे बहना है
समुद्र में मिलना है
बादल बन
आकाश को छूना है
निरंतर नया करना है
कैसे सीमाओं में
बंध जाऊं ?
23-04-2011
746-166-04-11

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