तुम अनजान हो
तो क्या हुआ?
जान पहचान
भले ही ना बढ़ाना
ना चाहो तो
दुबारा ना मिलना
सफ़र में थोड़ी दूर तो
मेरे साथ चलो
थोड़ा सा हँस बोल लो
कुछ पल तो साथ रहो
मुझे साथ मिलेगा
सफ़र सुहाना होगा
समय भी कटेगा
रास्ता भी तय होगा
भूल कर भी ना
मत कहना
ये भी समझ लेना
कभी तुम्हें भी सफ़र में
अकेला
चलना पडेगा
तब कौन साथ देगा
तुम्हारा?
06-03-2012
301-35-03-12
No comments:
Post a Comment