नदी किनारे खडी थी लडकी लड़के की नज़र उसपर अटकी पास जा कर बोला, आई लव यू लडकी बोली, आई हेट यू लड़का बोला आई ऍम सीरियस लडकी बोली बट यू आर इडीयट लड़का बोला अब तो मान लो लडकी बोली अब तुम भाग लो लड़का बोला ऐसी क्या नाराजगी लडकी बोली पीछे अम्माजी खडी लड़के ने पीछे देखा अम्माजी ने गला पकड़ा लड़का बोला अम्माजी मुझे माफ़ कर दो अम्माजी बोली माफ़ बाद में करूंगी राखी लायी हूँ पहले बंधवा लो बहन को पांच सौ का नोट थमा दो फिर फ़ौरन सटक लो दोबारा दिख गए तो पहले पिटोगे फिर हज़ार का नोट दोगे 08-03-2012 320-54-03-12
निरंतर कुछ सोचता रहे,कुछ करता रहे,कलम के जरिए बात अपने कहता रहे.... (सर्वाधिकार सुरक्षित) ,किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाने का कोई प्रयोजन नहीं है,फिर भी किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे तो क्षमा प्रार्थी हूँ )
Thursday, March 8, 2012
हास्य कविता-नदी किनारे खडी थी लडकी
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