Sunday, March 18, 2012

ज़िन्दगी में पहले सी रवानी नहीं होगी

वक़्त से पहले ही 
साथी के साथ
सफ़र अधूरा रह गया
यादें सहारा,
रोना साथी,बन गया
वक़्त के साथ
ये घड़ी भी कभी
गुजरेगी
फिर भी यादें
दिल दिमाग पर
दस्तक देती रहेंगी
चैन से
रहने नहीं देगी
अकेलापन कचोटेगा
बहारों में सुगंध
ज़िन्दगी में पहले सी
रवानी नहीं होगी,
18-03-2012
403-137-03-12

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