बहुत आजमा लिया
ज़माने को
अब खुद को आजमाऊंगा
अँधेरे से लौट कर
उजाले में आऊँगा
हिम्मत होंसले से
लडूंगा
ज़ज्बा नहीं खोऊँगा
खुद पर यकीन रखूंगा
उम्मीदों को हकीकत में
बदल दूंगा
फिर से मुस्काराऊंगा
निरंतर खुशियाँ
मनाऊंगा
09-03-2012
09-03-2012
331-65-03-12
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