Saturday, March 10, 2012

हास्य कविता-मुन्नीबाई,चमेलीबाई पर कोई बढ़िया कविता लिख कर भेज दो

पत्रिका के सम्पादक ने
हँसमुखजी को चिट्ठी लिखी
मुन्नीबाई,चमेलीबाई
पर कोई बढ़िया कविता
लिख कर भेज दो
हँसमुखजी चकराए
फ़ौरन उत्तर दिया
देशभक्ती,
भाईचारे ईमान,धर्म
प्यार मोहब्बत पर
लिखवा लो
मुन्नी,चमेली,जलेबी से
पीछा छुडवा दो
सम्पादक ने जवाब में
खेद व्यक्त करते हुए
जवाब दिया
आज कल पत्रिका में वही
छपता है
जो बाज़ार में बिकता है
आज कल ईमान धर्म
देश भक्ती के बारे में कौन
पढता है
10-03-2012
340-74-03-12


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