पानी सा होता था
मस्ती में
डूबा रहता था
जब से तुम्हें देखा
तालाब के पानी सा
ठहर गया हूँ
तुम्हारे ख्यालों में खोया
रहता हूँ
हर लम्हा इंतज़ार
करता हूँ
कब आकर
तोडोगी
दीवारें तालाब की
बहने दो
मुझे साथ तुम्हारे
मोहब्बत की धारा में
मिल जाने दो मुझे
तुम्हारी ज़िन्दगी के
समंदर में
20-03-2012
417-151-03-12
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