ऐ मालिक
तेरी इस दुनिया में
क्यों तूने ऐसा किया ?
किसी को राजा
किसी को रंक बनाया
एक भरे पेट को भर रहा
दूसरा खाली पेट लिए
तरस रहा
एक पैदा होते ही भूख से
बिलख रहा
दूसरा भरे पेट भी रो रहा
जो जी रहा ईमान से
वो कंगाली में जी रहा
बेईमानी ईमान जिसका
वो अट्टहास कर रहा
कोई ले रहा जान किसी की
कोई दूसरों की जान
बचाने के खातिर
अपनी जान दे रहा
एक तेरे नाम पर पैसा
बटोर रहा
ऊंचे आसन पर बैठ
तुझे पाने के अचूक नुस्खे
बता रहा
दूसरा दिल से तेरा नाम
ले रहा
ज़मीन पर बैठ कर
तुझे पाने के तरीके
सुन रहा
ऐ मालिक अब तक
समझा नहीं
क्यों जहर के साथ
अमृत
मनुष्य के साथ असुर
बनाया
तेरी इस दुनिया में
ऐ मालिक
कैसा ये तेरा न्याय ?
10-03-2012
336-70-03-12
No comments:
Post a Comment