Saturday, March 3, 2012

ऊपर वाले की कृपा है,सब कुछ ठीक ठाक है

घर टूट चुके हैं
रिश्ते तार तार
हो चुके हैं
बची है रस्म
साथ रहने की
साथ दिखने की
साथ हँसने की
एक दूजे के कष्ट में
झूठे आँसू बहाने की
मन में खार
मगर मजबूरी
प्यार जताने की
धोखा देने की
धोखा खाने की
सब जानते
फिर भी कहानी सब
एक ही दोहराते
चेहरे पर चेहरा चढाते
झूठ को सच बताते
बड़ी शान से
मुस्कराते हुए कहते हैं
ऊपर वाले की कृपा है
सब कुछ ठीक ठाक है
03-03-2012
286-21-03-12

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