जानता हूँ
कहीं मिल गया तो
कहीं मिल गया तो
पहचानोगे नहीं मुझे
नज़रें बचा कर
नज़रें बचा कर
निकल जाओगे वहाँ से
गर नफरत इतनी तो
गर नफरत इतनी तो
आँख से आँख मिलाना
फिर साफ़ साफ़ कहना
फिर साफ़ साफ़ कहना
नहीं चाहते तुम हमको
दिल तुम्हारा गवाही ना देगा
दिल चाह कर भी नफरत का
दिल तुम्हारा गवाही ना देगा
दिल चाह कर भी नफरत का
इज़हार ना करने देगा
निरंतर गरूर ने
निरंतर गरूर ने
तुम्हें हमसे दूर किया
अब छोड़ दो उसे
माफ़ हमने किया तुम को
तुम भी अब हमें माफ़ कर दो
फिर से साथ चलने का
फिर से साथ चलने का
इरादा कर लो
06-04-2011
619-52 -04-11
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