आज के दिन का
बड़ा हसीन आगाज़ था
वक़्त-ऐ-सहर
कानों को मिला सुकून
उनकी आवाज़ का
लगा जैसे
कोई मस्ती के आलम में
डूबा हुआ
मधुर साज़ बजा रहा है
मेरे दिल से सुर में सुर
मिला रहा है
बड़े मन से अपना प्यार
बरसा रहा है
आज के दिन का
बड़ा हसीन आगाज़ था
बड़ा हसीन आगाज़ था
वक़्त-ऐ-सहर
कानों को मिला सुकून
उनकी आवाज़ का
लगा जैसे
कोई मस्ती के आलम में
डूबा हुआ
मधुर साज़ बजा रहा है
मेरे दिल से सुर में सुर
मिला रहा है
बड़े मन से अपना प्यार
बरसा रहा है
आज के दिन का
बड़ा हसीन आगाज़ था
26-01-2012
83-83-01-12
1 comment:
आज के दिन का
बड़ा हसीन आगाज़ था...
roomani sa aagaz,achcha laga...
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