ना कहना कभी
पल पल तुम्हें याद
पल पल तुम्हें याद
ना करूँ
जहन से तुम्हारा
जहन से तुम्हारा
नाम मिटा दूं
तुमने ही
मुझे होंसला दिया
जीने का तरीका
सिखाया
रोते चेहरे को
तुमने ही
मुझे होंसला दिया
जीने का तरीका
सिखाया
रोते चेहरे को
फिर से हंसाया
क्या दिल से चाहोगे
फिर से टूट कर इतना
बिखर जाऊं
कि दोबारा सिमट
ना सकूं
रोना भी चाहूँ तो रो
ना सकूं
जीते जी मर जाऊं
ना कहना कभी
तुम्हारा नाम भी
ना लूं
पल पल तुम्हें याद
ना करूँ
20-01-2012
क्या दिल से चाहोगे
फिर से टूट कर इतना
बिखर जाऊं
कि दोबारा सिमट
ना सकूं
रोना भी चाहूँ तो रो
ना सकूं
जीते जी मर जाऊं
ना कहना कभी
तुम्हारा नाम भी
ना लूं
पल पल तुम्हें याद
ना करूँ
20-01-2012
68-68-01-12
1 comment:
याद करना न करना खुद अपने बस में नहीं...
Post a Comment