Saturday, January 21, 2012

ना कहना कभी .....


ना कहना कभी
पल पल तुम्हें याद
ना करूँ
जहन से तुम्हारा
नाम मिटा दूं
तुमने ही
मुझे होंसला दिया
जीने का तरीका
सिखाया
रोते चेहरे को
फिर से हंसाया
क्या दिल से चाहोगे
फिर से टूट कर इतना
बिखर जाऊं
कि दोबारा सिमट
ना सकूं
रोना भी चाहूँ तो रो
ना सकूं
जीते जी मर जाऊं
ना कहना कभी
तुम्हारा नाम भी
ना लूं
पल पल तुम्हें याद
ना करूँ
20-01-2012
68-68-01-12

1 comment:

induravisinghj said...

याद करना न करना खुद अपने बस में नहीं...