Tuesday, January 17, 2012

चेहरों पर कभी ना रीझना


चेहरा कभी
सच नहीं बताता
भेड़ की खाल में
भेड़िया छुपा होता
चेहरों पर
कभी ना रीझना
कौन चोर
कौन साहूकार
पता नहीं चलता
निरंतर विश्वास में ही
विश्वासघात होता
सफ़ेद झूठ
काले झूठ से ज्यादा
खतरनाक होता
सच,झूठ के फैसले में
ज़ल्दी ना करना
अनुभव
अपना काम में लेना
सफ़ेद पोशों से बच कर
रहना
धोखा उनसे ही ज्यादा
होता
चेहरों पर कभी ना
रीझना
चेहरा कभी
सच नहीं बताता
17-01-2012
50-50-01-12

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