Saturday, January 21, 2012

मेरे शहर में जब आंधी आती



3 comments:

Anju (Anu) Chaudhary said...

वाह बहुत खूबसूरती से आपने अपने शहर की आंधी को भी लिख डाला ....बहुत खूब ....हवा के झोंकों से
दुपट्टे लहरा कर
चेहरों को बार बार ढकते
नाज़ुक हाथ उन्हें
हटाते हटाते थक जाते

induravisinghj said...

मेरे शहर में जब आँधी आती,सशक्त रचना बेहद प्रभावशाली।

Pushpendra Vir Sahil पुष्पेन्द्र वीर साहिल said...

बहुत बढ़िया.... एक से अधिक अर्थ समाहित हैं कविता में... क्या बात है !