मत पूछो मुझ से
मेरे दिल के अफ़साने
ना जानते थे ना पहचानते थे
फिर भी मुस्करा कर देखा
उन्होंने
खिला दिए फूल मोहब्बत के
दिल में
दिखा दिए ख्वाब रातों में
क्या कह रही दुनिया
हम बेखबर इस से
हम तो हो गए उनके दीवाने
कब मिलेंगे,पास बैठेंगे
बातें करेंगे,मस्ती में झूमेंगे
इस ख्याल में अब डूबे हैं हम
कोई कहेगा बीमार-ऐ-इश्क हैं
क्या होता है इश्क
जिसने किया वो ही जाने
कब बुझेगी आग दिल की
अब खुदा जाने
हमें तो
मेरे दिल के अफ़साने
करी नहीं मोहब्बत
जिसने कभी
वो दर्द-ऐ दिल क्या जानेना जानते थे ना पहचानते थे
फिर भी मुस्करा कर देखा
उन्होंने
खिला दिए फूल मोहब्बत के
दिल में
दिखा दिए ख्वाब रातों में
क्या कह रही दुनिया
हम बेखबर इस से
हम तो हो गए उनके दीवाने
कब मिलेंगे,पास बैठेंगे
बातें करेंगे,मस्ती में झूमेंगे
इस ख्याल में अब डूबे हैं हम
कोई कहेगा बीमार-ऐ-इश्क हैं
क्या होता है इश्क
जिसने किया वो ही जाने
कब बुझेगी आग दिल की
अब खुदा जाने
हमें तो
जीना है इंतज़ार में
उनके
आयेंगे या नहीं
आयेंगे या नहीं
वो ही जाने
06-01-2012
17-17-01-12
06-01-2012
17-17-01-12
No comments:
Post a Comment