Tuesday, January 10, 2012

खुद का युद्ध


चाहे कोई
कितनी भी
हमदर्दी जता दे
कंधे पर हाथ रख दे
साथ में आंसू बहा ले
कोई काम नहीं आता
खुद का दर्द
खुद को ही सहना
पड़ता
भाग्य से खुद को ही
जूझना पड़ता
जीवन के थपेड़ों को
खुद ही सहना पड़ता
खुद का युद्ध खुद को ही
लड़ना पड़ता
10-01-2012
28-28-01-12

1 comment:

***Punam*** said...

चाहे कोई
कितनी भी
हमदर्दी जता दे
कंधे पर हाथ रख दे
साथ में आंसू बहा ले
कोई काम नहीं आता
खुद का दर्द
खुद को ही सहना
पड़ता

aur fir ek din sahna bhi aa jata hai...aur kisi ke sahare ki zaroorat bhi nahin padti hai..