Sunday, April 3, 2011

संयोग

इंसान से इंसान
संयोग से मिलता
इंसान का जन्म
संयोग से होता
चाहने ना,चाहने से
कुछ ना होता 
निरंतर मंतव्य कुछ 
नतीजा कुछ और होता
किसके घर पैदा होगा
राजा होगा या रंक होगा
संयोग जीवन का
अभिन्न अंग
जब तक जीवन
रहेगा
संयोग से नाता
ना टूटेगा
03-04--11
587—20 -04-11

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