जाने पहचाने
चेहरों की भीड़ से
घिरा हूँ ,
अपने से लगते तो हैं,
अपने से लगते तो हैं,
फिर भी दूर रहता हूँ
कोई शिकायत उनसे नहीं
कोई शिकायत उनसे नहीं
जब खुद से दूर हूँ,
अब खुद से भी डरता हूँ
अब खुद से भी डरता हूँ
कब दिल को हाँ कर दूं
मीठी बातों में फंस जाऊं
निरंतर ज़ख्म इतने खाए
अब अपने भी पराए दिखते
कब हकीकत दिखाएँगे
अब अपने भी पराए दिखते
कब हकीकत दिखाएँगे
कहर बरपाएंगे
इस से डरता हूँ
इस से डरता हूँ
06-04-2011
613-46 -04-11
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