कई बार हँसा हूँ
कई बार रोया हूँ
कई बार जला हूँ
कई बार बुझा हूँ
चोट खाता रहा हूँ
सहता रहा हूँ
फिर भी जीता
रहा हूँ
किस्मत से लड़ता
रहा हूँ
टूटा हूँ मगर थका
नहीं हूँ
नाउम्मीद अब भी
नहीं हूँ
अब भी नए लोगों से
मिलता हूँ
नए दोस्त बनाता हूँ
14-01-2012
40-40-01-12
1 comment:
टूटा हूँ मगर थका
नहीं हूँ
नाउम्मीद अब भी
नहीं हूँ
अब भी नए लोगों से
मिलता हूँ
नए दोस्त बनाता हूँ
amazzing ......
Post a Comment