जहन में
सवाल सदा से उठता
जीवन सफ़र में
मील के पत्थर क्यूं नहीं होते?
कितना चले ,कितना चलना
पता चलता रहता
कितने अवरोध पार किये
सब को याद रहते
कितने पार करने
पता कहाँ चलता ?
पार होंगे,ना होंगे
छोटे होंगे या बड़े होंगे
किसी को पता ना होता
मंतव्य इसका
खुदा ने जाना होगा
बेफिक्र ना चले कोई
निरंतर चौकन्ना रहे
जीवन सफ़र में
मील के पत्थर क्यूं नहीं होते?
कितना चले ,कितना चलना
पता चलता रहता
कितने अवरोध पार किये
सब को याद रहते
कितने पार करने
पता कहाँ चलता ?
पार होंगे,ना होंगे
छोटे होंगे या बड़े होंगे
किसी को पता ना होता
मंतव्य इसका
खुदा ने जाना होगा
बेफिक्र ना चले कोई
निरंतर चौकन्ना रहे
जीवन सफ़र में
सोच कर मील का
पत्थर ना लगाया होगा
सोच कर मील का
पत्थर ना लगाया होगा
01-04--11
577—10 -04-11
No comments:
Post a Comment